Monday 18 May 2015

आपके किचन में ही मौजूद हैं ये सात पेनकिलर -

दांतों में दर्द हो या सिर दर्द से फटा जा रहा हो, पेनकिलर दवाएं घर हों ही, ऐसा जरूरी नहीं। ऐसे में दर्द से तुरंत आराम के लिए आपका किचन भी प्राकृतिक पेनकिलर के खजाने से कम नहीं है। 

अगर आप भी किसी दर्द से परेशान हैं तो अपने किचन में मौजूद इन सात पेनकिलर को ट्राइ करें, जिनसे दर्द से राहत तो मिलेगी ही साथ ही कोई साइडएफेक्ट भी नहीं होगा। 

1. लौंग
दांतों का दर्द हो या मसूड़े में सूजन, लौंग के सेवन से दर्द से तुरंत राहत मिलती है। इसमें मौजूद यूजेनॉल नामक तत्व प्राकृतिक पेनकिलर का काम करता है, यही वजह है कि डेन्टिस्ट में दांतों के दर्द में लौंग का तेल लगाने की सलाह देते हैं।

2. अदरक
मांसपेशियों के दर्द, जोड़ों में अकड़न और शरीर जकड़ने पर अदरक का सेवन बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद जिन्जेरॉल नामक तत्व में मांसपेशियों और जोड़ों से दर्द में आराम दिलाने की शक्ति होती है।

3. लहसुन
लहसुन में मौजूद जर्मेनियम, सेलेनियम और लस्फर जैसे तत्व कान के दर्द में राहत पहुंचाते हैं। आयुर्वेद में लहसुन को तेल के साथ उबालकर कानों पर लगाने की सलाह दी जाती है। इससे कानों के पकने या सूजन से होने वाले दर्द में भी तुरंत आराम मिलता है। 

4. नमक
गले में खराश या दर्द से तुरंत आराम के लिए नमक बहुत काम की चीज है। गर्म पानी में नमक मिलाकर कुल्ला करने से गले में होने वाले दर्द से तुरंत आराम मिलता है और संक्रमण खत्म होता है।

5. हल्दी
चोट पर एंटीसेप्टिक से लेकर जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए हल्दी से बढ़िया कुछ और नहीं। हल्दी से न सिर्फ दर्द दूर होता है बल्कि सूजन भी कम होती है। खासतौर पर गठिया के दर्द में यह बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद कुरक्यूमिन नामक तत्व प्राकृतिक पेनकिलर है। 

6. ओट्स
ओट्स मैग्नीशियम का बड़ा स्रोत हैं जो पीरियड्स के दौरान पड़ने वाले क्रैंप और दर्द को कम करने में मददगार है। इसलिए जिन्हें पीरियड्स में दर्द अधिक होता है वे अपनी डाइट में ओट्स जरूर शामिल करें।

7. पेपरमिंट
शरीर के दर्द और ऐंठन में आराम पहुंचाने के ‌लिए पेपरमिंट बहुत फायदेमंद है। गर्म पानी में पेपरमिंट तेल की कुछ बूंदे डालकर सेंकाई करने से शरीर की जकड़न खुल जाती है और दर्द में तुरंत आराम होता है।

8. आंवला 
आंवला एक ऐसा फल है जिसे सुखाने से भी विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में बना रहता है। पौष्टिक है और शोधक रक्त विकार दूर करता है, नेत्र ज्योति बढ़ाता है। आंवला के रोज सेवन से बाल काले रहते हैं। आंवला का प्रयोग रोज सभी को किसी न किसी रूप में करना चाहिए।

9. तुलसी 
तुलसी ज्वरनाशक है तथा शीत प्रधान रोग में यह विशेष रूप से काम में ली जाती है। इसका काढ़ा बनाकर पिलाते हैं। यह कृमिनाशक व वायुनाशक है।

10. अजवाइन 
कफ, वातनाशक एवं पित्तवर्धक है। अजवाइन के तेल की मालिश से सूजन और दर्द में आराम मिलता है। खांसी एवं श्वास रोग में इसका चूर्ण या नमकीन सूखा अजवाइन मुँह में रखने से आराम मिलता है। यह भूख बढ़ाता है। अजीर्ण, अपच एवं उदरशूल मिटाता है। जीवाणु वृद्धि को भी रोककर एंटीबायोटिक की भूमिका निभाता है।

11.धनिया 
धनिया का गुण ठंडक पहुंचाना है। यह नेत्र ज्योति बढ़ाता है। इसकी पंजेरी बनाकर गर्मी में रोज खाना चाहिए।

12. छोटी हरड़ 
भोजन के बाद लेने से गैस नहीं बनती, पाचन ठीक रहता है व भोजन ठीक से हजम होता है, खाना खाने के बाद एक छोटी हरड़ चूसना चाहिए।

13. लेंडीपीपल
यह पौष्टिक और पाचक है। प्रातः दूध और शहद के साथ लें तो बलवर्धक है। बच्चों की पसली चलने पर भूनी पीपल का जरा सा चूर्ण शहद में मिलाकर खिलाने से आराम मिलता है। जिगर बढ़ना, तिल्ली बढ़ना, अफरा, अपच, वमन, अजीर्ण तथा श्वास खाँसी में लाभदायक है।

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